सिद्धाश्रम मुक्तिघाट

जन्म के साथ मृत्यु भी इस मानव जीवन का शाश्वत सत्य है। हर व्यक्ति जिसका जन्म हुआ उसका मृत्यु भी सुनिश्चित है और पूर्णमुक्त होने तक शरीर धारण करके आत्मा जन्म-मृत्यु के इसी चक्र में घूमता रहता है। हिंदू धर्म में जन्म-मृत्यु का जितना संतुलित और व्यवस्थित दर्शन है उतना दुनिया के अन्य किसी भी … Read more

अन्नपूर्णा भंडारा

पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम धाम में स्थायी रूप से निवासरत एवं नित्यप्रति आने-जाने काले ‘माँ’ भक्तों के लिए अन्नपूर्णा भंडारे में भोजन की व्यवस्था निःशुल्क रूप से सदैव ही रहती है, जिसका प्रारंभ सदगुरुदेव जी महाराज के द्वारा सिद्धाश्रम की स्थापना के साथ ही कर दिया गया था। नित्यप्रति सुबह 08 बजे से लेकर दोपहर 01 … Read more

दिव्य जल

सिद्धाश्रम सरिता के तट पर स्थित दिव्य जल स्रोत इस धरा पर अनेक मठ, मंदिर, अखाड़े और आश्रम हैं, किन्तु पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम की महिमा अतुलनीय है। यहाँ पर समय के साथ बढ़ते हुए जनकल्याणकारी कार्य यह प्रमाणित करते हैं कि यह धरती पूर्व से ही सिद्ध है। जब सद्गुरुदेव जी महाराज ने वर्ष 1996 … Read more

दानवीर बाबा जी की गुफा

दानवीर बाबा सूक्ष्मलोक के वासी हैं, जिनकी स्थापना ऋषिवर श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा सिद्धाश्रम सरिता के तट पर स्थित एक प्राचीन गुफा में की गई है, जो दानवीर गुफास्थल के नाम से प्रसिद्ध है। सद्गुरुदेव जी महाराज के द्वारा बताया गया है कि ” दानवीर एक सहायक शक्ति हैं, जो हजारों वर्षों से … Read more

पूज्य दंडी संन्यासी जी की समाधि

सद्गुरुदेव जी महाराज के पूज्य पिता श्री रामबली शुक्ल, संन्यास धारण के पश्चात् स्वामी श्री रामप्रसाद आश्रम जी महाराज के नाम से प्रसिद्ध हुए। संन्यास पूर्व वे भदबा गांव के एक प्रतिष्ठित, कर्मठ ब्राह्मण के रूप में जाने जाते थे। घर में पूजा-पाठ का नियम व अन्य समस्त दैनिक कार्यों में अनुशासन का कठोरता के … Read more

त्रिशक्ति गोशाला

भारतवर्ष में गौ-पूजन का विधान आदिकाल से ही प्रचलित रहा है, जिसके पर्याप्त प्रमाण प्राचीन ग्रन्थों में कारण सहित मिलते हैं। माता की ही भांति गाय सरलतम रूप से मनुष्य का पालन-पोषण करती है, इसीलिए कहा गया है- गावो विश्वस्य मातरः अर्थात्, “गाय विश्व की माता ही है।” गाय के दुग्ध को आयुर्वेद में अमृत … Read more

मूलध्वज साधना मंदिर

इस धरा पर प्रवेश के उपरांत, सद्गुरुदेव जी महाराज के द्वारा दिनांक 23 जनवरी 1997, दिन- गुरुवार, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के शुभमुहूर्त पर भूमिपूजन के पश्चात् सर्वप्रथम मूल की स्थापना की गई। इसी दिन उपस्थित कुछ भक्तों के समक्ष गुरुदेव जी ने अपने चिंतन में कहा था कि ”यह वो स्थान है, जहाँ पर ‘माँ’ … Read more

श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ मंदिर

श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ मंदिर को यदि पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम धाम का हृदयस्थल कहें, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि प्रथम तो यह मंदिर सिद्धाश्रम के मध्य में स्थित है और द्वितीय इस मंदिर में श्री दुर्गाचालीसा का अखण्ड पाठ, अनुष्ठान के रूप में हर क्षण ठीक वैसे ही गतिमान है, जैसे किसी काया में … Read more