पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम

नशामुक्ति सद्भावना जनजागरण परिवर्तन यात्रा

युगपरिवर्तन हेतु आज जनजागरण एक सशक्त कदम है, क्योंकि आज व्यक्ति निजस्वार्थ, अशिक्षा और भय के कारण अपने मानवीय कर्तव्यों से विमुख हो चुका है। देश एक ही है किंतु एक ही देश में दो तरह के लोग रहते हैं, जिनके जीवन के बीच उद्यान और मरुस्थल जैसा अंतर है। एक वो, जो सामर्थ्यवान है और अनीति अन्याय के बल पर व्यवस्था को अपने अनुसार चला रहे हैं तथा दूसरे वो जो ग़रीब हैं, असहाय हैं और ऐसे सामर्थ्यवानों के द्वारा जिनका भरपूर शोषण किया जा रहा है। शोषण होने का एकमात्र कारण है जागरूकता का अभाव। इसीलिए सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के निर्देशन में तीन धाराओं के माध्यम से समाज के वंचित और असहाय वर्गों को जागरूक करने और उन्हें सक्षम बनाने का कार्य, एक अभियान के रूप में चलाया जा रहा है।

भगवती मानव कल्याण संगठन के अनेक जनजागरण अभियानों के साथ नशामुक्ति सद्भावना जनजागरण परिवर्तन यात्रा जनजागरण का एक सशक्त माध्यम है। 2018 में प्रथम बार दमोह जिले में नशामुक्ति सद्भावना जनजागरण परिवर्तन यात्रा निकाली गई थी, जो एक ऐतिहासिक यात्रा रही। इसके बाद सागर एवं शहडोल-अनूपपुर जिले में यह यात्रा निकाली गई।

प्रथम चरण के अन्तर्गत दमोह जिले में वह यात्रा 28 जनवरी 2018 से 03 फरवरी 2018 तक, द्वितीय चरण के अन्तर्गत शहडोल-अनूपपुर जिले में दिनांक 16 मई 2018 से 20 मई 2018 तक एवं तृतीय चरण के अन्तर्गत सागर जिले में 04 सितम्बर 2018 से प्रारम्भ होकर 09 सितम्बर 2018 को समाप्त हुई। अनेक दोपहिया और चारपहिया वाहनों के साथ मुख्य शहरों से होते हुए गांव-गांव, गली-गली पहुंचकर नशा मांसाहारमुक्ति और सद्भावना व राष्ट्रप्रेम का संदेश देकर जनजाग्रति लाते हुए इस यात्रा के माध्यम से परिवर्तन लाने का कार्य किया गया। यात्रा के समय गलियों में उपस्थित जनसमुदाय को, सद्गुरुदेव जी महाराज ने अपने वाहन से निकलकर बारम्बार अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

इस यात्रा से गली-गली में नशामुक्ति का संदेश पहुँचा। हजारों-हजार नशामुक्त कार्यकर्ताओं के समूह को देखकर लोग नशामुक्ति की अनिवार्यता और उसकी सहज प्रक्रिया से अवगत हुए। एक जीवनपद्धति से गुथे संगठन के लोगों को एकसाथ उत्सव मनाते जिसने भी देखा, उसने समाजिक सद्भावना के सुन्दर स्वरूप का दर्शन पाया। जहाँ-जहाँ इस यात्रा की युगपरिवर्तनकारी धुनों की गूंज पहुँची, वहाँ लोगों के मन में व्यास आडम्बरों, भटकावों का शमन हुआ।

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