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दानवीर बाबा जी की गुफा
दानवीर बाबा सूक्ष्मलोक के वासी हैं, जिनकी स्थापना ऋषिवर श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा सिद्धाश्रम सरिता के तट पर स्थित एक प्राचीन गुफा में की गई है, जो दानवीर गुफास्थल के नाम से प्रसिद्ध है। सद्गुरुदेव जी महाराज के द्वारा बताया गया है कि ” दानवीर एक सहायक शक्ति हैं, जो हजारों वर्षों से इस स्थान की रक्षा में रत हैं। पूर्व के वर्षों में सूक्ष्म रूप से उनका ऐसा प्रताप रहा कि इस क्षेत्र को उपयोग में लेना किसी के वश की बात नहीं थी।”
दानवीर गुफास्थल अत्यंत प्राचीन शिलाखंडों से निर्मित है, जिसके चारों ओर विशाल वटवृक्ष का घेराव, गुफा को अलौकिक स्वरूप प्रदान करता है। इस गुफा के नीचे प्रवाहित सिद्धाश्रम सरिता में एक पाताल कुण्ड भी है, जिसके स्रोत की गहराई अपरिमेय है। इस स्थल पर दानवीर बाबा की सूक्ष्म उपस्थिति है, जिससे यहाँ पर आने वाले भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है व मन को शांति मिलती है।
यह गुफा प्रारम्भिक समय तक अपने वास्तविक स्वरूप में थी व गुफा का मुख्य द्वार पूर्ण आकार में था, जहाँ खड़े होकर देखने से भीतर की संरचना स्पष्ट दिखाई देती थी, किंतु सिद्धाश्रम की स्थापना के उपरांत शनैः-शनैः गुफा का मुख्य द्वार बंद होता चला गया । सन् 2020 में परम पूज्य सद्गुरुदेव जी महाराज के द्वारा गुफा के सम्पूर्ण परिसर का जीर्णोद्धार कराया गया और दानवीर बाबा के गुफाद्वार पर एक स्थायी चबूतरे का निर्माण भी कराया गया है, जो कि भक्तों की श्रद्धा का केन्द्र है।
कभी यह भयावह स्थान था, जहाँ निहारने मात्र से भय की प्रतीति होती थी, किन्तु आज एक चौड़े व व्यवस्थित मार्ग के साथ यहाँ की सुंदरता दर्शनीय है। अब तो दानवीर बाबा के गुफास्थल पर हर कोई पहुंचकर वहाँ के प्राकृतिक दृश्य को अपने अन्तस में समा लेना चाहता है। सिद्धाश्रम आने वाले भक्तजन दानवीर गुफास्थल पर पहुँचकर श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं एवं बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सद्गुरुदेव जी महाराज के द्वारा गुफा के सामने के मार्ग को वह विस्तार दिया गया है कि, दानवीर पर्वत के दोनों ओर से आगे की तरफ सिद्धाश्रम के मुख्य मार्ग से जुड़कर पर्वत के चारों ओर यह एक वृत्ताकार मार्ग बन गया है।
जय माता की - जय गुरुवर की